भक्तिकाल-सगुणकाव्य धारा
(रामकाव्य परम्परा)
BHAKTI KAAL
रामभक्ति कवि एवं काव्य
अग्रदास – (अग्रजली नाम से प्रसिद्ध–नाभादास के गुरू-ब्रजभाषा) ध्यानमंजरी, राम भजन मंजरी, उपासना बावनी
ईश्वरदास – अंगद पैज, भरत मिलाप
नाभादास – (तुलसीदास के समकालीन) अष्टयाम, भक्तमाला
तुलसीदास – (1532-1623 ई.-रामचंद्र शुक्ल ने 12 ग्रंथ माना) रामलला नहछू (नाखून काटने की एक रीति), रामाज्ञा प्रश्न(शुभ-अशुभ फल विचार), रामचरितमानस(मर्यादा की प्रतिष्ठा-भाषा अवधी-सात काण्ड-दोहा चौपई छंद), पार्वतीमंगल(पार्वती जन्म से विवाह तक-खण्डकाव्य-अवधी), जानकीमंगल(राम जानकी के विवाह-भाषा अवधी), गीतावली(राम के जीवन-सात काण्ड-ब्रजभाषा), कृष्ण गीतावली(कृष्ण की बाललीला से लेकर उद्दवसंवाद तक-मुक्तक काव्य), विनयपत्रिका(भक्तिपरक गीत-ब्रजभाषा-मुक्तक काव्य), बरवै रामायण(बरवै छंद-सातकाण्ड), दोहावली(तुलसी का संकलन-अवधीभाषा), कवितावली(आत्मचरित-ब्रजभाषा-सातकाण्ड), हनुमानबाहुक।
1. तुलसीदास को ‘कलिकाल का बाल्मिकी’ किस इतिहासकार ने कहा है ?
रामचन्द्र शुक्ल
हजारी प्रसाद व्दिवेदी
नाभादास
अकबर
2.’ स्मिथ’ ने तुलसीदास को निम्न संज्ञा दी ----
लोकनायक
रामभक्त कवि
मुगलकाल का सबसे बडा आदमी
सर्वश्रेष्ठ कवि
3. किस कवि ने भक्तिकाल में प्रचलित अवधी,ब्रज तथा संस्कृत तीनों भाषाओं में काव्य रचनाएं की ?
सूरदास
कबीरदास
मलिक मोहम्मद जायसी
तुलसीदास
4. निम्नलिखित में से तुलसीदास की रचनाओं की भाषा ब्रज नहीं है?
कवितावली, गीतावली
कृष्ण गीतावली, विजय पत्रिका
हनुमान बाहुक
पार्वती मंगल, जानकी मंगल
5. तुलसीदास व्दारा बीस सोहर-छंदों में रचित एकार्थक काव्य है---
रामलल्ला नहछू
वैराग्य संदीपनी
कवितावली
गीतावली
6. पार्वती मंगल को अप्रमाणिक माननेवाले विव्दान थे ----
शिव सिंह सेंगर
जॉर्ज ग्रियर्सन
मिश्रबन्धु
रामचन्द्र शुक्ल
7. तुलसी की भक्ति का स्वरूप क्या था?
दास्य
सख्य
वात्सल्य
मातृ
8. तुलसीदास ने रामकथा के बहाने शुभ-अशुभ शकुनों पर विचार किस रचना में किया है?
रामाज्ञा प्रश्न
हनुमान बाहुक
बरवै रामायण
विनय प्रत्रिका में
9. ‘बरवै नायिका भेद’ किस काल की रचना है
भक्तिकाल
आदिकाल
रीतिकाल
आधुनिक काल
10. ‘चरन कमल बन्दौं हरिराई’ किसकी पंक्ति है
सूरसागर
भ्रमरगीत
कवितावली
गीतावली
11. साखी सबदी दोहरा, कवि कहिनी उपखान
भगति निरूपहिं भगत कलि, निंदहिं वेद पुरान। -
किस कवि की पंक्तियाँ है?
तुलसीदास
रसखान
कबीरदास
रैदास
12. जाके प्रिय न राम वैदेही,
सो नर तजिउ कोटि बैरी सम, जदपि परम सनेही। -
तुलसीदास
रसखान
कबीरदास
रैदास
12. जाके प्रिय न राम वैदेही,
सो नर तजिउ कोटि बैरी सम, जदपि परम सनेही। -
यह तुलसीदास के किस काव्य ग्रंथ की उक्ति है?
रामचरितमानस
कवितावली
विनयपत्रिका
दोहावली
13. ‘वैराग्य संदीपनी’ किस कवि की रचना है
तुलसीदास
कबीरदास
वियोगी हरि
रैदास
रामचरितमानस
कवितावली
विनयपत्रिका
दोहावली
13. ‘वैराग्य संदीपनी’ किस कवि की रचना है
तुलसीदास
कबीरदास
वियोगी हरि
रैदास
14. तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना किस पद्धति पर की?
गीतपद्धति
कवित्त-सवैया पद्धति
दोहा-चौपाई पद्धति
छप्पय पद्धति
15. तुलसी ने रामराज्य का वर्णन किस काण्ड में किया है?
बालकाण्ड
अयोध्याकाण्ड
उत्तरकाण्ड
सुन्दरकाण्ड