मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

श्रीहर्ष

श्रीहर्ष


श्रीहर्ष संस्कुत के प्रसिद्द कवि है। उन्होंने कई ग्रन्थों की रचना की, जिनमें ‘नैषधचरित’ महाकाव्य उनकी कीर्ति का स्थायी स्मारक है। 'नैषधचरित' में निषध देश के शासक नल तथा विदर्भ के शासक भीम की कन्या दमयन्ती के प्रणय सम्बन्धों और उनके विवाह की कथा का काव्यात्मक वर्णन मिलता है। श्रीहर्ष, भारवि की परम्परा के कवि थे। उन्होंने अपनी रचना विद्वज्जनों के लिए की, न कि सामान्य मनुष्यों के लिए। इस बात की उन्हें तनिक भी चिन्ता नहीं थी कि सामान्य जन उनकी रचना का अनादर करेंगे। वह स्वयं स्वीकार करते हैं कि उन्होंने अपने काव्य में कई स्थानों पर गूढ़ तत्त्वों का समावेश कर दिया था, जिसे केवल पण्डितजन ही समझ सकते हैं।