हिन्दी साहित्य का इतिहास – कृष्णभक्ति काव्यधारा
*** कृष्णभक्ति काव्यधारा हिन्दी साहित्य के आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक प्रवाहित है। मध्यकाल के भक्तकवियों ने कृष्णभक्ति को जिस रूप में प्रस्तुत किया वह अद्वितीय है। आधुनिक काल भी कृष्णभक्ति काव्य से अछूता नहीं है, दरअसल श्रीकृष्ण एक ऐसे प्रतीक हैं, जिन्हें आधार बनाकर पहले भी अनेक काव्य लिखे गए और अब भी लिखे जा रहे हैं।
*** इस वीडियो के माध्यम से कृष्णभक्ति काव्यधारा के आदि स्त्रोत से आधुनिक काल तक श्रीकृष्ण से संबंधित रचनाओं और रचनाकारों के बारे में समझ सकेंगे।
जय हिन्दी – जय भारत