मंगलवार, 28 दिसंबर 2021

अमर वाणी | APSSC | CLASS 9 | CHAPTER 10 | SCERT | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE | नीति दोहे

अमर वाणी - कबीर के दोहे

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।

जो सुख में सुमिरन करे, दुःख काहे को होय।।


धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।

माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आये फल होय ||


साई इतना दीजिए, जामे कुटुंब समाय।

मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाय।