कबीर दास के दोहे
जो तोको काँटा बुबै ताहि बोय तू फूल।
तोकु फूल को फूल है, बाको है तिरसूल।।
यह सत्य है, प्रमाणित है कि अच्छे काम करने वालों को अच्छा फल मिलता है और बुरे काम करनेवाले को बुरा फल मिलता है। अर्थात् सभी को कर्म के अनुसार फल भुगतना पड़ता है। जैसी करनी वैसी भरनी। कबीर के कहने का अर्थ है कि जो तेरे रास्ते में काँटा बोता है अर्थात् जो तेरी बुराई करता है, तुम उसके रास्ते पर फूल बिछा दो अर्थात् तुम उसकी भलाई करो। इसका नतीजा यही होगा कि तुम्हारी अच्छाई से उन्हें अच्छा फल मिलेगा। उसकी बुराई के लिए उसको बुरा फल मिलेगा। मतलब हुआ कि अच्छा काम करो और अच्छा फल पाओ।