कबीर के दोहे
जिनि ढूँढा तिनि पाइयाँ, गहरे पानी पैठि।
हौ बौरी डूबन डूरी, रही किनारे बैठि।।
कबीरदास कहते हैं कि गहरे पानी में गोता लगाकर जिसने ढूँढा उसीने पाया। मोती ढूँढनेवाले समुद्र के तल तक पहुँचकर ही मोती लाते हैं उसी तरह हैं परमात्मा रूपी मोती को पाने के लिए भगवद् प्रेम रूपी सागर में डुबकी लगानी चाहिए। डूबने के डर से किनारे बैठने से मोती प्राप्त नहीं होते।