ज्यों तिल माँही तेल है, ज्यों चकमक में आगि | कबीर दास के दोहे | KABIRDAS KA DOHA | #shorts |
कबीर के दोहे
ज्यों तिल माँही तेल है, ज्यों चकमक में आगि।
तेरा साई तुज्झ में, जागि सकें तो जागि।।
कबीरदास कहते हैं कि जिस प्रकार तिल में तेल होता है और चकमक पत्थर में आग होती है, उसी प्रकार तुम्हारा भगवान तुममें ही बसा हुआ है, उसे जगा सको, तो जगा लो।