रविवार, 19 दिसंबर 2021

धीरे-धीरे रे मना, धीरे-धीरे सब कुछ होय | कबीर दास के दोहे | KABIRDAS KA DOHA | #shorts

कबीर दास के दोहे 


धीरे-धीरे रे मना, धीरे-धीरे सब कुछ होय।
माली सीचें सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय।।

कबीर दास का कहना है कि काम धीरे धीरे होता है। उसके लिए धैर्य की आवश्यकता है। इसके लिए उदाहरण देकर कबीर कहते हैं कि माली के सौ घड़ा पानी सींचने पर भी किसी भी पेड़ में समय के पहले जल्दी से फल नहीं लग जाते। इसलिए ऋतु की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। वक्त के आने से ही पेड़ फल लगते हैं।