पर्यावरण बचाओ
डॉ. परशुराम शुक्ल
परिसर के बिना मानव का जीवन असंभव है। शुद्ध पर्यावरण जीव व जगत् के लिए आवश्यक है। आजकल जल, वायु और ध्वनि का प्रदूषण निरंतर बढ़ते जाने के कारण परिसर का संतुलन बिगड़ रहा है। इसलिए पर्यावरण की रक्षा करना सबका आद्य कर्तव्य है। प्रस्तुत कविता में शुक्ल जी ने इस ज्वलंत समस्या की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है।
आज समय की माँग यही है,
पर्यावरण बचाओ।
तब तक जीव है जगत में,
जब तक जग में पानी।
जब तक वायु शुद्ध रहती है,
सोंधी मिट्टी रानी।
तब तक मानव का जीवन है,
यह सबको समझाओ।
ध्वनि, मिट्टी, जलवायु आदि,
जीव जगत के मित्र सभी।
इनकी रक्षा करना,
अब कर्तव्य हमारा।
शोर और मिट्टी का संकट,
दूर करेंगे सारा।
एक वृक्ष यदि कट जाय तो,
ग्यारह वृक्ष लगाओ।
एक वृक्ष हम नित रोपेंगे,
आज शपथ यह खाओ।
आज समय की माँग यही है,
पर्यावरण बचाओ।