गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत | रहीम के दोहे | RAHIM KA DOHA | #shorts

रहीम के दोहे


कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।

बिपत्ति कसौटि जे कसे, तेइ साँचे मीत।।

रहीम का कहना है कि इस संसार में धन-दौलत के साथी अनेक होते हैं। अर्थात् किसी इन्सान के पास पैसा होने पर उससे मित्रता स्थापित करने लोग विविध ढंग से आ टपकते हैं। परंतु उनमें से कौन सच्चा मित्र है और कौन नहीं, इस बात का पता विपत्ति के समय चलता है। अर्थात् सच्चा मित्र उसे कहा जाएगा जो अपने मित्र को उसके दुर्दिन में भी न छोड़े, अपितु उसकी सहायता करे।