रहीम के दोहे
जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चंदन विष व्यापत नहीं, लपटे रहत भुजंग।।
रहीम कहते हैं कि जो व्यक्ति उत्तम आचरण और गुणों का होता है, उस पर कुसग यानी बुरी संगति का प्रभाव नहीं पड़ता। अर्थात् सज्जन व्यक्ति बुरे लोगों के निकट होने पर भी उनकी बुराई को नहीं अपनाता। जैसे - चन्दन-पेड़ पर जहरीले साँप लपेटे रहने पर भी चन्दन पर उसके जहर का कोई असर नहीं होता। यहाँ चन्दन-पेड़ के साथ उत्तम गुणवाले व्यक्ति तथा साँप के साथ कुसंग की तुलना की गयी है।