मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

रहिमन पर उपकार के करत न यारी बीच। रहीम के दोहे | RAHIM KA DOHA | #shorts |

रहीम के दोहे

रहिमन पर उपकार के करत न यारी बीच।

मांस दिये शिवि भूप ने दिन्हीं हाड़ दधीचि।।

कवि रहीम कहते हैं कि केवल जहाँ दोस्ती या मित्रता हो वहाँ उपकार नहीं किया जाता। परोपकार तो किसीके भी साथ किया जा सकता है। हम कहीं भी किसी भी स्थान पर आवश्यकता पड़ने पर दूसरे का उपकार कर सकते हैं। जैसे - शिवि राजाने अपना मांस अपरिचित बाज को दिया। दधीचि ऋषि ने देवताओं की मदद के लिए हड्डियाँ दे दीं, उससे बज्र बनाया गया। देवताओं का शत्रु बृत्रासुर मारा गया। उससे दधीचि को किसी लाभ की आशा नहीं थी, केवल परोपकार की भावना थी।