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मंगलवार, 21 दिसंबर 2021
जपत एक हरिनाम ते, पातक कोटि बिलाय | वृन्द के दोहे | VRIND KA DOHA | #shorts |
वृन्द के दोहे
जपत एक हरिनाम ते, पातक कोटि बिलाय।
एकहि कनिका आगि ते, घास ढेर जरि जाय।।
वृन्द कवि कहते हैं कि भगवान के नाम मात्र का जप करने से कोटि कष्ट दूर हो जाते हैं। उदाहरण के लिए आग की एक चिनगारी के पड़ने से घास का ढेर जल जाता है।
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