वृन्द के दोहे
नैना देत बताय सब, हिय को हेत आहेत।
जैसे-निर्मल आरसी, भली बुरी कह देत।।
कवि कहते हैं कि व्यक्ति की आँखे देखने पर हृदय स्पष्ट लक्षित होती हैं। जिस प्रकार दर्पण व्यक्ति की वास्तविक छवि बताता है उसी प्रकार किसी व्यक्ति के मन में दूसरे व्यक्ति के प्रति स्नेह या घृणा का भाव है यह बात उसके नेत्रों को देख कर ज्ञात की जा सकती है।