रविवार, 9 जनवरी 2022

रात गंवाई सोय कर, दिवस गंवायो खाय | कबीर के दोहे | KABIR KE DOHE | प्राचीन काव्य | #shorts | #hindi | #india

कबीर के दोहे

रात गंवाई सोय कर, दिवस गंवायो खाय।

हीरा जनम अमोल था, कौड़ी बदले जाय॥

******