बुधवार, 5 जनवरी 2022

कबीर घास न नींदिए, जो पाऊँ तलि होइ | कबीर की साखियाँ | KABIR KE SAKHI | NCERT | दोहे | #shorts | #hindi | #india

कबीर के दोहे


कबीर घास न नींदिए, जो पाऊँ तलि होइ।

उड़ि पड़े जब आँखि मैं, खरी दुहेली होइ।।

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