रविवार, 9 जनवरी 2022

सम कंचन काँचौ गिनत, सत्रु मित्र सम होइ | तुलसी के दोहे | TULSI KE DOHE | प्राचीन काव्य | #shorts | #hindi | #india

तुलसी के दोहे


सम कंचन काँचौ गिनत, सत्रु मित्र सम होइ।

तुलसी या संसार में कहत संतजन सोइ।।

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