सोमवार, 18 सितंबर 2023

अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले | निदा फ़ाजली | कक्षा – दसवीं | स्पर्श (भाग-२) | कहानी | ab kahan doosron ke dukh se dukhi hone wale | nida fazli | cbse | hindi | class 10

 

इकाई पाठयोजना

·         कक्षादसवीं

·         पुस्तक स्पर्श (भाग-)

·         विषय-वस्तुकहानी

·         प्रकरण – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले


शिक्षण- उद्देश्य :-


(क)             ्ञानात्मक –        (१)   मनुष्य-मात्र के स्वभाव एवं व्यवहार की जानकारी देना।

पाठ में वर्णित घटनाओं की सूची बनाना।           

(२)कहानी की विषयवस्तु को पूर्व में सुनी हुई कहानी से संबद्ध करना।

(१)               नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।

(२)            साहित्य के गद्यविधा (कहानी-कला)की जानकारी देना।

(३)            छात्रों को अपने परिवेश एवं प्रकृति के बारे में जानकारी देना।

(४)            नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।           

(५)            जीव-जंतुओं के प्रति करूणा, सहानुभूति, प्रेम आदि की भावनाएँ जागृत करना।

(ख)             कौशलात्मक -

  (१)               स्वयं कहानी लिखने की योग्यता का विकास करना।

(२)            पर्यावरणप्रदूषण को रोकने के विभिन्न उपायों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करना।   

(ग)              बोधात्मक

              (१)               कहानी के उज्ज्वल पक्ष को समझने का प्रयास करना।

(२)               रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।

(३)               कहानी में आए संवेदनशील स्थलों का चुनाव करना।

(४)               समाज में व्याप्त विसंगतियों के बारे में सजग होना।

(घ)                 प्रयोगात्मक (१)               कहानी को अपने दैनिक जीवन के संदर्भ में जोड़कर देखना।

(२)        कहानी की मुख्य बातों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करना।

(३)                  पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखना।

(४)                  कहानी की घटनाओं का वर्णन संक्षेप में अपने शब्दों में करना।

(५)                  कहानी को एकांकी के रूप में मंचस्थ करना।

सहायक शिक्षणसामग्री:-(१)               चाक , डस्टर आदि।

(२)               पावर प्वाइंट के द्वारा पाठ की प्रस्तुति।

पूर्व ज्ञान:-(१)               ‘ कबूतर ’ , जंगल , पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे में ज्ञान है।

(२)               प्राकृतिक विपत्ति तथा समुद्र के बारे में आधारभूत ज्ञान है।

(३)               कहानी-कला का ज्ञान है।

(४)               पर्यावरण - प्रदूषण की थोड़ी-बहुत जानकारी है।

(५)               सामाजिक बुराइयों से वाक़िफ़ हैं।

(६)               मानवीय स्वभाव की जानकारी है।

 

प्रस्तावना प्रश्न :-

(१)               बच्चो! क्या आपके आसपास ऐसे लोग रहते हैं जो जीव-जंतुओं के साथ बुरा व्यवहार करते हैं?

(२)               क्या आपने समुद्र तथा जंगल देखे हैं? उनकी कोई दो विशेषताएँ बताइए।

(३)               ऐसे दो लोगों के बारे में बताइए जिन्होंने कभी किसी पशु-पक्षी की मदद की हो।

(४)               मनुष्य की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए।

उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम लेखकनिदा फ़ाजलीके द्वारा रचित कहानी ‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखे होने वाले ’ का अध्ययन करेंगे।

पाठ की इकाइयाँ

                        प्रथम अन्विति (सोलेमन , शेख़ अयाज़ के पिता तथा नूह की कहानी )

·         सोलेमन के द्वारा चींटियों की रक्षा।

·         शेख़ अयाज़ के पिता का च्योंटा को उसके घर तक पहुँचाना।

·                         कुत्ते की बातों से नूह का रोना।

·          द्वितीय अन्विति :- (पृथ्वी पर जन-जीवन का विकास , समुद्र का बदला)

·         पृथ्वी की उत्पत्ति

·         पृथ्वी पर जीवन

·         मानव के स्वार्थ का पृथ्वी पर प्रभाव

·         समुद्र के साथ छेड़खानी , समुद्र का जहाजों को पटकना।

            तृतीय अन्विति :- ( लेखक की माँ    की दयालुता , लेखक की पत्नी की क्रूरता)

           (१)  लेखक की माँ के द्वारा कबूतर के अंडों को बचाते हुए अंडे का गिर पड़ना। पश्चाताप के रूप में माँ का उपवास रखना।

                     (२) लेखक की पत्नी का कबूतरों को घर से भगाना।

                      

शिक्षण विधि :-

क्रमांक

अध्यापक - क्रिया

छात्र - क्रिया

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हानी का सारांश :-

प्रस्तुत कहानी मनुष्य के स्वार्थी स्वभाव पर आधारित है। मनुष्य ने पूरी धरती को ही अपनी जागीर बना लिया है। अब वह अन्य प्राणियों को ही नहीं खुद अपनी जात को भी बेदखल करने से भी ज़रा भी परहेज़ नहीं करता। बाइबिल तथा क़ुरान में वर्णित सोलोमेन राह में आने वाली चींटियों की रक्षा के लिए अपनी फ़ौज को रोक लेता है। शेख़ अयाज़ के पिता भोजन छोड़कर एक च्योंटा को उसके घर तक पहुँचाने के लिए जाते हैं और अपनी दयालुता का परिचय देते हैं।‘नूह’ कुत्ते से शिक्षा ग्रहण कर पश्चाताप करते हुए सारी ज़िन्दगी रोते हैं। फिर लेखक पृथ्वी की उत्पत्ति तथा मानव का अन्य जीव-जंतुओं पर प्रभाव को संक्षेप में बताता है। समुद्र के साह छेड़खानी किए जाने पर समुद्र अपनी लहरों पर तैर रहे जहाज़ों को बाहर पटककर बदला लेता है। फिर लेखक पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता जताते हुए आगरा से मुम्बई की दूरी के बारे में बताता है। लेखक की माँ अपने हाथ से टूटे हुए कबूतर के अंडे पर दुख जताते हुए प्रायश्चित करती है। लेकिन लेखक की पत्नी का व्यवहार उसका विपरीत होता है। वह कबूतरों को घर में रहने की जगह नहीं देती ; खिड़की पर जाली लगा देती है।

कहानी को ध्यानपूर्वक सुनना और समझने का प्रयास करना। नायक के चरित्र पर तथा सामाजिक बुराई पर अपने विचार प्रस्तुत करना।

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लेखक-परिचय :- ‘निदा फ़ाजली’(जन्म-१९३८) उर्दू की साठोत्तरी पीढ़ी के एक महान साहित्यकार हैं जिन्होंने कहानी विधा के क्षेत्र में अद्वितीय सफलता प्राप्त की है। वे इन दिनों फ़िल्म उद्योग से संबद्ध हैं उनकी कहानियाँ मानवजीवन से काफ़ी गहराई से जुड़ी हुई हैं। सत्य के प्रति आस्था और निष्ठा ही फ़ाजली की धरोहर है। फ़ाजली की प्रमुख कहानियाँलफ़्जों का पुल , खोया सा कुछ , दीवारों के बीच , तमाशा मेरे आगे आदि हैं। यह कहानी ‘ तमाशा मेरे आगे ’ का एक अंश है।

लेखक के बारे में आवश्यक जानकारियाँ अपनी अभ्यासपुस्तिका में लिखना।

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शिक्षक के द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना।

उच्चारण एवं पठनशैली को ध्यान से सुनना।

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पाठ के अवतरणों की व्याख्या करना।

पाठ को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए पाठ को ध्यान से सुनना। पाठ से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना।

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कठिन शब्दों के अर्थ :-

लश्कर – सेना / विशाल जनसमुदाय

दालान – बरामदा  ;  मज़ार - कब्र

ज़लज़ले – भूकंप  ; सैलानी - पर्यटक

सैलाब – बाढ़     ;  अज़ीज़ – प्यारा

लकब- पद सूचक नाम

डेरा – अस्थायी पड़ाव

           

 

 

 

छात्रों द्वारा अपनी अभ्यास- पुस्तिका में लिखना।

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छात्रों द्वारा पठित अनुच्छेदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना।

छात्रों द्वारा पठन।

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पाठ में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना।

·         नुक़्ता (.)

·         विराम चिह्न

·         कारक ; वचन

व्याकरण के इन अंगों के नियम, प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।

गृहकार्य :-

(१)               पाठ का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ पठन करना।

(२)               पाठ के प्रश्नअभ्यास करना।

(३)               कहानी की प्रमुख घटनाओं की संक्षेप में सूची तैयार करना।

(४)               पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना।

परियोजना कार्य :-

(१)               कहानी पुस्तकालय आदि से संग्रह करना।

(२)               समाज में व्याप्त किसी समस्या पर आधारित कोई कहानी लिखना।

मूल्यांकन :-

निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-

१.      पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न

Ø  जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है?

Ø  लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा क्यों रखा?

Ø   प्रकृति में आए असंतुलन के क्या कारण है?

Ø  लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी?

Ø  अरब में लश्कर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?

२.      इकाई परीक्षाएँ

३.      गृह – कार्य

४.      परियोजना - कार्य