इकाई पाठ – योजना
· कक्षा – दसवीं
· पुस्तक – संचयन
· विषय-वस्तु – कहानी
·
प्रकरण – ‘हरिहर काका’
शिक्षण- उद्देश्य :-
1. ज्ञानात्मक –
1. मनुष्य-मात्र के स्वभाव एवं व्यवहार की
जानकारी देना।
2. पाठ में दिए गए तथ्यों की सूची बनाना।
3. कहानी की विषयवस्तु को पूर्व में सुनी या
पढ़ी हुई घटना से संबद्ध करना।
4. नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में
वृद्धि करना।
5. साहित्य के गद्य –विधा (कहानी)की
जानकारी देना।
6. छात्रों को समाज एवं परिवार के बारे में जानकारी देना।
7. नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।
8. प्राणि-मात्र के प्रति करूणा, सहानुभूति, प्रेम आदि की भावनाएँ जागृत करना।
2. कौशलात्मक -
1. स्वयं कहानी लिखने की योग्यता का विकास करना।
2. समाज एवं परिवार
की मुश्किलों का
ज्ञान कराना।
3. ग्रामीण परिवेश
एवं व्यवहार की जानकारी देना।
3. बोधात्मक –
1. हरिहर काका और
महंत जैसे चरित्र को
समझना।
2. रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट
करना।
3. कहानी में आएसमाज एवं परिवार से संबंधित संवेदनशील स्थलों का
चुनाव करना।
4. समाज में व्याप्त विसंगतियों के
बारे में सजग होना।
4. प्रयोगात्मक –
1. कहानी को अपने दैनिक जीवन के संदर्भ में जोड़कर देखना।
2. कहानी के मुख्य - पात्रों
का चरित्र-चित्रण करना ।
3. पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखना।
सहायक
शिक्षण – सामग्री:-
1. चाक , डस्टर आदि।
2. पावर प्वाइंट के द्वारा पाठ की प्रस्तुति।
पूर्व ज्ञान:-
1. अपने समाज एवं
परिवार के बारे में
ज्ञान है।
2. परिवार की कठिनाइयों के बारे में ज्ञान है।
3. कहानी-कला का प्रारंभिक ज्ञान है।
4. साहित्यिक-लेख की थोड़ी-बहुत जानकारी है।
5. सामाजिक बुराइयों से वाक़िफ़ हैं।
6. मानवीय स्वभाव की जानकारी है।
प्रस्तावना
– प्रश्न :-
1. बच्चो! क्या आप अपने समाज एवं परिवार के बारे में कुछ जानते हैं ?
2. क्या आपने किसी परिवार को टूटते हुए
देखा है ? यदि हाँ, तो उसके बारे में बताइए ।
3. क्या आपका परिवार
संयुक्त परिवार है ? आपके परिवार में कौन-कौन हैं ?
4. अपने गाँव के बारे
में बताइए।
उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम लेखक ‘ मिथिलेश्वर ’ के द्वारा रचित कहानी ‘
हरिहर
काका ’ का अध्ययन करेंगे।
पाठ की इकाइयाँ—
प्रथम
अन्विति—
( हरिहर
काका………………..तुम सबों को बताऊँगा..आदि।)
· लेखक और हरिहर
काका के बीच संबंध।
· लेखक के गाँव की विशेषताएँ।
· गाँव के ठाकुरबारी
का वर्णन।
· गाँव के लोगों का
ठाकुरबारी से संबंध।
· हरिहर काका का
परिवार में परिवार में उनकी स्थिति।
· घर में मेहमान के
आने पर हरिहर काका के साथ घरवालों का दुर्व्यवहार। काका का क्रोधित होना।
द्वितीय
अन्विति :- ( हरिहर काका जिस ………………………लादकर चंपत हो गए। )
· महंत का हरिहर
काका को अपने ज़ाल में फाँसने की कोशिश करना। ।
· हरिहर काका का असमंजस
में पड़ना।
· ठाकुरबारी में हरिहर काका
की खातिरदारी।
· हरिहर काका के
भाइयों की चिंता।
· घर में हरिहर काका
के साथ अच्छा व्यवहार।
· महंत के द्वारा
हरिहर काका का अपहरण।
तृतीय अन्विति :- ( गाँव में किसी ने
………………………दुख बिताए नहीं बीतेगा। )
· ठाकुरबारी में हरिहर काका
के सा्थ दुर्व्यवहार।
· महंत और पुजारी आदि की कलई
खुलना।
· भाइयों के द्वारा हरिहर
काका की सुरक्षा।
· हरिहर काका का संपत्ति
किसी को न देने की इच्छा प्रकट करना।
चतुर्थ अन्विति :- ( लेकिन हरिहर काका सोच
………………………उसका भोग लगा रहे हैं । )
- भाइयों का संपत्ति हथियाने के लिए
हरिहर काका पर दबाव।
- भाइयों के द्वारा हरिहर को
मारना-पीटना।
- हरिहर काका का घर से अलग रहना।
- बाहरी व्यक्तियों के द्वारा ज़मीन
हथियाने के लिए काका को समझाना।
- हरिहर काका के मामले को लेकर गाँव
वालों के बीच बहस।
- महंत और हरिहर काका के भाइयों के
द्वारा ज़मीन हथियाने की तैयारी।
- हरिहर काका का बीमारी की हालत में मौन
हो जाना।
शिक्षण विधि :-
क्रमांक |
अध्यापक - क्रिया |
छात्र - क्रिया |
१. |
कहानी का सारांश :- प्रस्तुत कहानी लेखक की
गाँव की अपनी कहानी है। हरिहर काका की दशा बहुत खराब है , वह बीमार हैं। लेखक
उनसे मिलने जाता है; पर हरिहर काका उससे बात तक नहीं करते हैं। उन्हें बड़ा
आश्चर्य होता है। वे सोचने लगते हैं कि हरिहर काका उनके दोस्त जैसे हैं और उनसे
कभी कोई बात नहीं छुपाते हैं; पर आज वे उनसे क्यों नहीं बोल रहे हैं। हरिहर काका
के साथ क्या हुआ , यह बताने से पहले लेखक अपने गाँव के बारे में विशेषकर मंदिर
के बारे में बताते हैं। यह उस क्षेत्र की सबसे बड़ी ठाकुरबारी है। लोग तन-मन-धन
से इसके प्रति समर्पित हैं। इसके मुखिया महंत जी हैं। हरिहर
काका के चार भाई हैं। सबका भरा-पूरा परिवार है। हरिहर काका की दोनों पत्नियों की
मृत्यु हो चुकी है। उनकी कोई संतान नहीं है। वे अपने भाइयों के परिवार के साथ ही
खुश हैं। उनके साठ बीघे ज़मीन है। उनके हिस्से पंद्रह बीघे ज़मीन है। घर में उनकी
हालत ठीक नहीं है। उन्हें कोई नहीं पूछता है। एक बार उनके यहाँ कोई मेहमान आता है। घर में अच्छा
भोजन बनता है , पर हरिहर काका को रूखा-सूखा ही खाने को दिया जाता है। यह देखकर
काका गुस्सा जाते हैं और थाली आँगन में पटककर चिल्लाते हुए बाहर चल जाते हैं। यह
बात महंत जी को पता चलती है जो पहले से ही हरिहर काका की संपत्ति ठाकुरबारी के
नाम करवाने की फ़िराक में था। वह काका को ठाकुरबारी में बुलाकर उसकी खातिरदारी
करता है और उसके भाइयों की बुराई करते हुए ज़मीन ठाकुरबारी के नाम कर देने की
खुशामद करता है। उसे अच्छा खाना खिलाते हैं और उसकी खूब सेवा करते हैं। पर काका
‘ हाँ ’ या ‘ ना ’ कुछ नहीं कहते। उनके भाइयों को उनकी ग़लती का एहसास होता है और
वे काका के हाथ-पाँव पकड़कर उन्हें घर ले आते हैं। अब घर में उनकी खूब खातिरदारी
होती है। उधर महंत बौखला जाता है। वह बात न बनती देख काका का अपहरण कर उसे
ठाकुरबारी ले आता है। काका के मना करने पर वे ज़बरन उसके अँगूठे का निशान सादे और
लिखे कागज़ पर ले लेते हैं। फिर उसके हाथ-पैर बाँधकर , मुँह में कपड़े ठूँसकर उसे
एक गोदाम में बंद कर भाग जाते हैं। काका के भाई पुलिस लेकर आते हैं और काका को
छुड़ाते हैं। अब घर में काका की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी जाती है। धीरे-धीरे
उनके भाई उन पर जबरदस्ती करते हैं कि ज़मीन उनके नाम लिख दें। लेकिन काका अब चतुर
और ज्ञानी हो गए हैं। वे समझने लगे हैं कि ज़मीन हाथ से जाने के बाद कोई उन्हें
नहीं पूछेगा। उनके सामने इसके कई उदाहरण हैं। इस मामले में गाँव वाले भी दो
गुटों में बँट गए हैं। एक पक्ष काका के भाइयों का हिमायती है तो दूसरा पक्ष
चाहता है कि काका अपनी ज़मीन ठाकुरबारी के नाम लिख दे। एकबार काका के भाई भी उनके
साथ वही सब कुछ करते हैं जैसा महंत ने उनके साथ किया था। अब काका को किसी पर
भरोसा नहीं रहता। वे अकेले रहने लगते हैं। उन्हें अब दुनिया की समझ हो गई है।
गाँव के और लोग भी उनकी संपत्ति हथियाने की कोशिश करते हैं; पर सफल नहीं होते।
एक नौकर और कुछ पुलिस वालों के साथ वे बीमारी की हालत में अपना बचा हुआ जीवन
काटने लगते हैं। अब वे किसी से कुछ नहीं कहते। |
कहानी को
ध्यानपूर्वक सुनना और समझने का प्रयास करना। नायक के चरित्र पर तथा सामाजिक बुराई
पर अपने विचार प्रस्तुत करना। |
२. |
लेखक-परिचय :- ‘मिथिलेश्वर’(जन्म-१९५०) एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं
जिन्होंने अपनी
कहानियों में ग्रामीण जीवन को बखूबी उकेरा है। ये वर्तमान आरा के विश्वविद्यालय
में रीदर के पद पर कार्यरत हैं। इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं – बाबूजी , मेघना का
निर्णय , हरिहर काका , चल खुसरो घर आपने ( कहानी संग्रह ) ; झुनिया , युद्धस्थल
, प्रेम न बाड़ी उपजे और अंत नहीं (उपन्यास )। इन्हें सोवियत लैण्ड नेहरु
पुरस्कार सहित अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। |
लेखक के
बारे में आवश्यक जानकारियाँ अपनी अभ्यास –पुस्तिका में लिखना। |
३. |
शिक्षक के
द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना। |
उच्चारण
एवं पठन – शैली को ध्यान से सुनना। |
४. |
पाठ के
अवतरणों की व्याख्या करना। |
पाठ को
हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए पाठ को ध्यान से सुनना। पाठ से संबधित
अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना। |
५. |
कठिन
शब्दों के अर्थ :- अगउम
– प्रयोग में लाने से पहले देवता के लिए निकाला गया अंश घनिष्ठ
– गहरा , सयाना – बड़ा होना , मझधार – जल प्रवाह के बीच में , विलीन – लुप्त होना
, विकल्प – दूसरा उपाय , कल – युक्ति/बुद्धि , वय – उम्र , निष्कर्ष – परिणाम ,
बय – वसीयत , अप्रत्याशित – आकस्मिक। |
छात्रों
द्वारा शब्दों के अर्थ अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
६. |
छात्रों
द्वारा पठित अनुच्छेदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर
करना। |
छात्रों
द्वारा पठन। |
७. |
पाठ में आए
व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना।
|
व्याकरण के
इन अंगों के नियम, प्रयोग
एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
गृह
– कार्य :-
1. पाठ का सही उच्चारण के साथ उच्च
स्वर मेँ पठन करना।
2. पाठ के प्रश्न – अभ्यास
करना।
3. लेख के प्रमुख तथ्यों की संक्षेप
में सूची तैयार करना।
4. पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने
वाक्यों में प्रयोग करना।
परियोजना
कार्य :-
1. गाँव की पारिवारिक
समस्याओं पर आधारित कहानियों का संग्रह कीजिए।
2. समाज में व्याप्त किसी समस्या पर
आधारित कोई कहानी या लेख लिखना।
मूल्यांकन :-
निम्न
विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-
1. पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न—
o
कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है ?
o
समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है ?
o
हरिहर काका महंत और अपने भाई को एक ही श्रेणी के
क्यों मानने लगे ?
o
यदि
आपके आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी मदद किस प्रकार करेंगे ?
o
हरिहर काका को ज़बरन उठा ले जाने वाले कौन थे और
उन्होंने उनके साथ कैसा व्यवहार किया ?
2. इकाई परीक्षाएँ
3. गृह –
कार्य
4. परियोजना - कार्य