इकाई पाठ – योजना
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कक्षा – दसवीं
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पुस्तक – स्पर्श (भाग-२)
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विषय-वस्तु – एकांकी
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प्रकरण – ‘कारतूस’
शिक्षण- उद्देश्य :-
(क) ज्ञानात्मक –(१) मनुष्य-मात्र के स्वभाव एवं व्यवहार की जानकारी देना।
(२)
पाठ में वर्णित घटनाओं की सूची बनाना।
(३)
एकांकी
की विषयवस्तु को पूर्व में पढ़ी
हुई एकांकी से संबद्ध करना।
(४)
नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।
(५)
साहित्य के गद्य –विधा (एकांकी) की जानकारी देना।
(६)
छात्रों को अपने देश की आजा़दी की लड़ाई के बारे में जानकारी देना।
(७)
नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।
(८)
देश
के प्रति भक्ति, प्रेम आदि की भावनाएँ जागृत करना।
(ख)
कौशलात्मक –
(क)
अपनी
कल्पना –शक्ति से स्वतंत्रता संग्राम की वास्तविकता का अनुभव करते हुए कोई एकांकी
या लेख लिखना।
(ख) स्वयं एकांकी लिखने
की योग्यता का विकास
करना।
(ग) बोधात्मक –(१) एकांकी के नायक के चरित्र को समझाना ।
(२)
रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।
(३)
एकांकी
में आए संवेदनशील स्थलों का चुनाव करना।
(४)
देश की आंतरिक एवं बाह्य समस्याओं को समझाने का
प्रयास करना।
(घ) प्रयोगात्मक –(१) एकांकी को अपने दैनिक जीवन के संदर्भ में जोड़कर देखना।
(२)
एकांकी
के मुख्य - पात्र का चरित्र-चित्रण करना ।
(३)
पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखना।
(४)
एकांकी
की घटनाओं का वर्णन संक्षेप में अपने शब्दों में करना।
(५)
एकांकी को मंचस्थ करना।
सहायक शिक्षण – सामग्री:-(१) चाक , डस्टर आदि।
(२)
पावर प्वाइंट के द्वारा पाठ की प्रस्तुति।
पूर्व ज्ञान:-(१) देश की आजा़दी की लड़ाई के बारे में ज्ञान है।
(२)
शासन-व्यवस्था के बारे में ज्ञान है।
(३)
एकांकी-कला का अपेक्षित ज्ञान है।
(४)
साहित्यिक-भाषा
की थोड़ी-बहुत जानकारी है।
(५)
अंग्रेजो़ं की शासन-व्यवस्था की थोड़ी-बहुत जानकारी
है।
(६)
मानवीय स्वभाव की जानकारी है।
प्रस्तावना – प्रश्न :-
(१)
बच्चो! क्या आपने अंग्रेज़ी-शासन-व्यवस्था
का इतिहास पढ़ा है?
(२)
क्या आप किसी देश-भक्त के बारे में जानते हैं? उनकी जीवनी के बारे में कुछ पंक्तियाँ बताइए।
(३)
हमारे देश की शासन-व्यवस्था कैसी है और कैसी होनी चाहिए?
(४)
मनुष्य की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए।
(५)
एकांकी-लेखन की कुछ विशेषताएँ बताइए।
उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम लेखक ‘हबीब
तनवीर’ के द्वारा रचित ‘ कारतूस ’ का अध्ययन करेंगे।
पाठ की इकाइयाँ—
प्रथम अन्विति— (वजी़र अली के
प्रवेश से पहले)
·
कर्नल और लेफ़्टीनेंट के बीच बातचीत।
·
वज़ीर अली की आज़ादी से चिंतित।
·
अचानक वज़ीर अली(घुड़्सवार) को आते देखकर परेशान।
द्वितीय अन्विति :- (
वज़ीर
अली के प्रवेश के बाद)
·
घुड़सवार(वज़ीर अली) का दिलेरी के साथ प्रवेश।
·
कर्नल का हक्का-बक्का रह जाना ।
·
वज़ीर अली के द्वारा धमकी देना।
·
कर्नल के द्वारा वज़ीर अली की प्रशंसा किया जाना।
शिक्षण विधि :-
क्रमांक |
अध्यापक - क्रिया |
छात्र - क्रिया |
१. |
एकांकी का सारांश :- प्रस्तुत एकांकी में एक ऐसे जाँबाज़ के कारनामों का वर्णन है
जिसका एक मात्र लक्ष था –अंग्रेज़ों को इस देश से बाहर करना। यह सन १७९९ की घटना है।
पहला दृश्य गोरखपुर के जंगल में कर्नल कालिंज़ के खेमे का अंदरूनी हिस्सा है जहाँ
कर्नल कालिंज़ और लेफ़्टीनेंट जंगलों की जि़न्दगी और वज़ीर अली के बारे में बात कर
रहे हैं। कर्नल वज़ीर अली के जीवन से संबंधित कुछ बातें लेफ़्टीनेंट को बताता है। उसकी
तुलना राबिन हुड से करता है। उसे सिंहासन से पदच्युत करने के बाद वह वकील से परेशान
होकर उसका क़त्ल कर देता है और जंगलों में छिप जाता है। उसे पकड़ने के लिए कर्नल पानी
फ़ौज़ के साथ जंगल में तम्बू लगाए हुए है। बातचीत के दौरान उन्हें एक घुड़सवार आता
दिखाई देता है। घुड़सवार स्वयं वजी़र अली है, किन्तु कर्नल उसे पहचान नहीं पाता है।
घुड़सवार उन्हें धमकाकर कारतूस माँगता है और अंत में उन्हें अपना परिचय देकर चला जाता
है। कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता। कर्नल हक्का-बक्का रह जाता है। अंत में , वह वज़ीर
अली की बहादुरी की प्रशंसा करता है। |
एकांकी
को ध्यानपूर्वक सुनना और समझने का प्रयास करना। नायक के चरित्र पर तथा अंग्रेज़ी शासन पर अपने विचार प्रस्तुत करना। |
२. |
लेखक-परिचय :- ‘ हबीब तनवीर ’(जन्म-१९२३) एक प्रसिद्ध साहित्यकार हैं जिन्होंने ‘नाट्यकला’ के क्षेत्र में अद्वितीय सफलता प्राप्त की है। उनके कई नाटकों पर उन्हें कई पुरस्कारों,फ़ेलोशिप, और पद्मश्री से
सम्मानित किया जा चुका है। उनके नाटक इतिहास तथा
जीवन के काफ़ी करीब हैं। उनके प्रमुख नाटक– ाअगरा बाज़ार,
चरनदास चोर, देख रहे हैं नैन, हिरमा की अमर कहानी आदि हैं। उन्होंने बसंत ऋतु का सपना,
शाजापुर की शांता बाई, मिट्टी की गाड़ी और मुद्रा राक्षस नाटकों का
आधुनिक रूपांतर भी किया। |
लेखक के बारे में आवश्यक जानकारियाँ अपनी अभ्यास –पुस्तिका में लिखना। |
३. |
शिक्षक के द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना। |
उच्चारण एवं पठन – शैली को ध्यान से सुनना। |
४. |
पाठ के अवतरणों की व्याख्या करना। |
पाठ को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए पाठ को ध्यान से सुनना। पाठ से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना। |
५. |
कठिन शब्दों के अर्थ :- खेमा- डेरा हुकुमत- शासन तख़्त
– सिंहासन मसलेहत – रहस्य जाँबाज़
– ज़ान की बाज़ी लगाने वाला दमखम
– शक्ति और दृढ़्ता वज़ीफ़ा
– परवरिश के लिए दी जाने वाली राशि ,
मुकर्रर – तय करना तलब
किया – याद किया हुकमरां
– शासन , हिफ़ाज़त – सुरक्षा काफ़िला
– यात्रियों का समूह तन्हाई
– एकांत , मुकाम – पड़ाव गर्द
– धूल , शुबहे – संदेह कारतूस
– बन्दूक की गोली |
छात्रों द्वारा
अपनी अभ्यास- पुस्तिका में लिखना। |
६. |
छात्रों द्वारा पठित अनुच्छेदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना। |
छात्रों द्वारा पठन। |
७. |
पाठ में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना। ·
विराम चिह्न ·
उर्दू शब्दों के हिन्दी पर्याय ·
मुहावरों का वाक्य-प्रयोग |
व्याकरण के इन अंगों के नियम, प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
गृह – कार्य :-
(१)
पाठ का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ पठन करना।
(२)
पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना।
(३)
एकांकी
की प्रमुख घटनाओं की संक्षेप में सूची तैयार करना।
(४)
पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना।
परियोजना कार्य :-
(१)
‘ कारतूस’ जैसी
एकांकियाँ पुस्तकालय आदि से संग्रह करना।
(२)
समाज में व्याप्त किसी समस्या पर आधारित कोई एकांकी
लिखना।
मूल्यांकन :-
निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-
१.
पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न—
Ø कर्नल कालिंज़ का
खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?
Ø वज़ीर अली के
अफ़साने सुनकर राबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
Ø कंपनी के वकील का कत्ल करने
के बाद वज़ीर अली ने अपनी हिफ़ाजत कैसे की?
Ø वज़ीर अली एक ज़ाँबाज़ सिपाही
था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
Ø वज़ीर अली ने कंपनी के वकील
का क़त्ल क्यों किया?
२.
इकाई परीक्षाएँ
३.
गृह – कार्य
४.
परियोजना - कार्य