सोमवार, 18 सितंबर 2023

शुक्र तारे के समान | स्वामी आनंद | नवमीं | स्पर्श (भाग-२) | shukra tare ke saman | swami anand | cbse | hindi | class 9

 

इकाई पाठयोजना

कक्षा      नवमीं

पुस्तक       स्पर्श (भाग-२)

विषय-वस्तु  लेख (निबंध)

प्रकरण       ‘शुक्र तारे के समान’

शिक्षण- उद्देश्य :-

(क)      ज्ञानात्मक

(१)       मनुष्य-मात्र के स्वभाव एवं व्यवहार की जानकारी देना।

(२)       गाँधी जी के महान व्यक्तित्व से परिचित कराना

(३)       महादेव भाई के जीवन का संक्षिप्त परिचय प्राप्त करना

(४)       नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।

(५)       साहित्य के गद्य –विधा ( निबंध) की जानकारी देना।

(६)       छात्रों को हिन्दी के साहित्यकारों के बारे में जानकारी देना।

(७)       नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।

(८)       स्वतंत्रता आंदोलन में गाँधी जी और महादेव भाई के योगदान का उल्लेख करना।

(ख)      कौशलात्मक -

(१)       स्वयं निबंध लिखने की योग्यता का विकास करना।

(२)       पाठ में वर्णित घटनाओं का ऐतिहासिक तथ्य प्रस्तुत करना।

(ग)      बोधात्मक

(१)       साहित्यकार स्वामी आनंद के जीवन-वृत्त से परिचित होना।

(२)       रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।

(३)       निबंध में वर्णित महत्त्वपूर्ण नैतिक मूल्यों की सूची बनाना।

(४)       समाज में जीवन के प्रति स्वस्थ दॄष्टिकोण का विकास करना।

(घ)      प्रयोगात्मक

(१)       निबंध की बातों को अपने दैनिक जीवन के संदर्भ में जोड़कर देखना।

(२)       महात्म गाँधी औअर महादेव भाई का चरित्र-चित्रण करना ।

(३)       निबंध का सारांश अपने शब्दों में लिखना।

सहायक शिक्षणसामग्री:-

(१)       चाक , डस्टर आदि।

(२)       पावर प्वाइंट के माध्यम से पाठ की प्रस्तुति।

पूर्व ज्ञान:-

(१)       भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और उसकी मुश्किलों का ज्ञान है।

(२)       सामाजिक जीवन की अच्छाइयों और बुराइयों से परिचित हैं।

(३)       निबंध - रचना का ज्ञान है।

(४)       साहित्यिक-भाषा की थोड़ी-बहुत जानकारी है।

(५)       मानवीय स्वभाव की जानकारी है।

(६)       महात्मा गाँधी के जीवन से परिचित हैं।

प्रस्तावनाप्रश्न :-

(१)       बच्चो! क्या आप भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों की घटनाओं से परिचित हैं ?

(२)       क्या आप गाँधी जी और महादेव भाई के बारे में कुछ जानते हैं? 

(३)       मनुष्य की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए।

(४)       क्या आप नित बदलती दुनिया से परिचित हैं?

(५)       आप समाज में किस प्रकार के बदलाव देखते हैं?

उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम प्रसिद्ध लेखक स्वामी आनंद के द्वारा रचित निबंध ‘ शुक्र तारे के समान ’ का अध्ययन करेंगे।

पाठ की इकाइयाँ

              प्रथम अन्विति    ( आकाश के तारों में …………लाड़ला बना दिया था )

·           महादेव भाई का परिचय।

·     गाँधी जी का महादेव भाई के प्रति प्रेम ।

·           गाँधी जी के द्वारा पत्र-पत्रिकाओं प्रकाशन।

               द्वितीय अन्विति :  ( गाँधी जी के पास…………….जाने में हिचकिचाते थे )

                                     

·         महादेव भाई का प्रारंभिक जीवन।

·         महादेव भाई के सुंदर हस्ताक्षर।

·         महादेव के लि्खे नोट।

        तॄतीय अन्विति -   ( साहित्यिक पुस्तकों की…………..महादेव ही निकलता )

·         महादेव भाई का साहित्य प्रेम।

·         महादेव भाई की निर्मल प्रतिभा।

·         महादेव भाई की गाँधी जी के साथ एकरूपता।

·         महादेव भाई का शारीरिक कार्य औय देश सेवा।

·         गाँधी जी को महादेव भाई की मॄत्यु का दुख।

शिक्षण विधि :-

क्रमांक

अध्यापक - क्रिया

छात्र - क्रिया

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निबंध का सारांश :- लेखक के अनुसार कोई भी महान व्यक्ति, महानतम कार्य तभी कर सकता है, जब उसके साथ ऐअसे सहयोगी हों जो उसकी तमाम इतर चिंताओं और उलझनों को अपने सिर ले लें। गाँधे जे के लिए महादेव बाई और प्यारेलाल जी ऐसी ही शख्सियत थे। मूलतः गुजराती भाषा में लिखे गए प्रस्तुत पाठ ‘ शुक्र तारे के समान ’ में लेखक ने गाँधी जी के निजी सचिव महादेव भाई देसाई की बेजोड़ प्रतिभा और व्यस्ततम दिनचर्य को उकेरा है। लेखक अपने इस रेखाचित्र के नायक के व्यक्तित्व और उसके ऊर्जा, उनकी लगन और प्रतिबा से अभिभूत है। महादेव भाई के सरलता, सज्जनता, निष्ठा, समर्पण, लगन और निरभिमान को लेखक ने पूरी ईमानदारी से शब्दों में पिरोया है। इनकी लेखनी महादेव के व्यक्तित्व का ऐसा चित्र खींचने में सफल रही है कि पाठक को महादेव भाई पर अभिमान हो आता है।

निबंध को ध्यानपूर्वक सुनना और समझने का प्रयास करना। आधुनिकता की भावना को आत्मसात करते हुए वर्तमान जीवन से प्रेरणा प्राप्त करना।

२.

लेखक परिचय :- संन्यासी स्वामी आनंद का जन्म गुजरात के कठियावाड़ ज़िले के किमड़ी गाँव में सन १८८७ में हुआ। इनका मूल नाम हिम्मतलाल था। जब ये दस साल के थे तभी कुछ साधु इन्हें अपने साथ हिमालय की ओर ले गए और इनका नामकरण किया – स्वामी आनंद। १९०७ में स्वामी आनंद स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए। महाराष्ट्र से कुछ समय तक ‘ तरुण हिन्द ’ अखबार निकला, फिर बाल गंगाधर तिलक के केसरी अखबार से जुड़ गए। १९१७ में गाँधे जी के संसर्ग में आने के बाद उन्हीं के निदेशन में ‘ नवजीवन’ और ‘ यंग इंडिया ’ के प्रसार व्यवस्था संभाल ली। इसी बहाने उन्हें गाँधी जी अअर उनके निजी सहयोगी महादेव भाई देसाई और बाद में प्यारेलाल जी को निकट से जानने का अवसर मिला।

लेखक के बारे में दी गई जानकारी को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।

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शिक्षक के द्वारा निबंध का उच्च स्वर में पठन करना।

उच्चारण एवं पठनशैली को ध्यान से सुनना।

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निबंध के अवतरणों की व्याख्या करना।

निबंध को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए लेख को ध्यान से सुनना। लेख से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना।

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कठिन शब्दों के अर्थ :-

नक्षत्र-मंडल – तारा समूह     , कलगी रूप – तेज़ चमकने वाला तारा      हम्माल – कुली   पीर – महात्मा

बावर्ची – रसोइया    भिश्ती – मसक से पानी ढोने वाला व्यक्ति     खर – गधा     ब्योरा – विवरण

रूबरू – आमने-सामने   धुरंधर  - प्रवीण

कट्टर – दॄढ़   पेशा – व्यवसाय     स्याह – काला

सल्तनत – राज्य     अद्यतन – अब तक का

गाद – तलछट    सानी – उसी जोड़ का दूसरा

अनायास – बिना किसी प्रयास के

श्रीमती एनेबेसेंट – स्वाधीनता आंदोलन की नेत्री। इन्होंने होमरूल लीग और थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापाना की

 

शब्दार्थ अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।

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छात्रों द्वारा पठित दों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना।

छात्रों द्वारा पठन।

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पाठ में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना।

·         उर्दू पर्याय

·         मुहावरे

·         उपसर्ग

·         प्रत्यय

व्याकरण के इन अंगों के नियम, प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।

गृहकार्य :-

(१)       पाठ का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ पठन करना।

(२)       पाठ के प्रश्नअभ्यास करना।

(३)       पाठ के प्रमुख सूचनाओं की संक्षेप में सूची तैयार करना।

(४)       पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना।

परियोजना कार्य :-

(१)       चित्र सहित सभी ग्रहों के नाम क्रम से लिखिए।

(२)       ‘ स्वतंत्रता आंदोलन में गाँधी जी का योगदान ’ विषय पर एक लेख लिखिए।

मूल्यांकन :-

निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-

१.       पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न

Ø  महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे ?

Ø  अहमदाबाद से कौन से दो साप्ताहिक निकलते थे ?

Ø  महादेव की अकाल मॄत्यु का क्या कारण था ?

Ø  महादेव की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं ?

Ø  महादेव के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था ?

२.       इकाई परीक्षाएँ

३.       गृहकार्य

४.       परियोजना कार्य


विषय शिक्षक के हस्ताक्षर                                   प्राचार्य के हस्ताक्षर