रविवार, 20 नवंबर 2016
जूठन आत्मकथा और दलित रचनाकार ओमप्रकाश वाल्मीकि
जूठन आत्मकथा और दलित रचनाकार ओमप्रकाश वाल्मीकि
*** जूठन आत्मकथा में लेखक के बचपन (जन्म 1950) से लेकर 35 वर्ष (सन् 1985) तक की घटनाएँ हैं।
*** यह आत्मकथा सदियों से शोषित-उत्पीडित जन समुदाय के हित में एक नए समाज की ठोस परिकल्पना प्रस्तुत करती है।
*** डॉ. अम्बेड़कर द्वारा दलितोत्थान के लिए दिए गए त्रिसूत्रीय नारे "शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो" में शिक्षित बनना दलित आन्दोलन की पहली सीढ़ी है।
*** ओंप्रकाशवाल्मीकि के पिता अनपढ़ होते हुए भी उन्होंने हमेशा कहते है कि "पढ़ने से जाति सुधरती है"
*** जूठन निश्चित ही एक महत्वपूर्ण कृति है। लेखक ने आत्मकथा में अपनी दृष्टि से, अपने जीवन का वर्णन किया। यह आत्मकथा दलित चेतना के विकास के साथ साथ आगे भी बढाने की कोशिश है।
जूठन का आलोचनात्मक अध्ययन
इस वीडियो के माध्यम से दलित आत्मकथाकार ओंप्रकाशवाल्मीकि जी की रचनाओं का परिचय और जूठन के माध्यम से दलित साहित्य के स्वरूप समझाया।*** जूठन आत्मकथा में लेखक के बचपन (जन्म 1950) से लेकर 35 वर्ष (सन् 1985) तक की घटनाएँ हैं।
*** यह आत्मकथा सदियों से शोषित-उत्पीडित जन समुदाय के हित में एक नए समाज की ठोस परिकल्पना प्रस्तुत करती है।
*** डॉ. अम्बेड़कर द्वारा दलितोत्थान के लिए दिए गए त्रिसूत्रीय नारे "शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो" में शिक्षित बनना दलित आन्दोलन की पहली सीढ़ी है।
*** ओंप्रकाशवाल्मीकि के पिता अनपढ़ होते हुए भी उन्होंने हमेशा कहते है कि "पढ़ने से जाति सुधरती है"
*** जूठन निश्चित ही एक महत्वपूर्ण कृति है। लेखक ने आत्मकथा में अपनी दृष्टि से, अपने जीवन का वर्णन किया। यह आत्मकथा दलित चेतना के विकास के साथ साथ आगे भी बढाने की कोशिश है।
बाणभट्ट की आत्मकथा में प्रेम का स्वरुप BANBHATT KI ATMKATHA ME PREM KA SWAROOP
बाणभट्ट की आत्मकथा में प्रेम का स्वरुप BANBHATT KI ATMKATHA ME PREM KA SWAROOP
बाणभट्ट की आत्मकथा में
प्रेम का स्वरुप
BANBHATT KI ATMKATHA
ME PREM KA SWAROOP
हजारीप्रसाद द्विवेदी की इतिहास-दृष्टि HAZARIPRASAD DWIVEDI KI SAHITYAETIHAS DRISHTI
हजारीप्रसाद द्विवेदी की इतिहास-दृष्टि HAZARIPRASAD DWIVEDI KI SAHITYAETIHAS DRISHTI
हजारीप्रसाद द्विवेदी की इतिहास-दृष्टि
HAZARIPRASAD DWIVEDI KI SAHITYAETIHAS DRISHTI
हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन और हिन्दी लोक भाषाएँ HINDI SAHITYA KA ITIHAS LEKHAN AUR HINDI KI LOK BHASAEN
हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन और हिन्दी लोक भाषाएँ HINDI SAHITYA KA ITIHAS LEKHAN AUR HINDI KI LOK BHASAEN
हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन और हिन्दी लोक भाषाएँ
HINDI SAHITYA KA ITIHAS LEKHAN AUR HINDI KI LOK BHASAEN
उपन्यास की संरचना (UPANYAS KI SANRACHNA)
उपन्यास की संरचना UPANYAS KI SANRACHNA
उपन्यास की संरचना
UPANYAS KI SANRACHNA
हिंदी नवजागरण सामाजिक परिवर्तन की भूमिका और लोक साहित्य
हिंदी नवजागरण सामाजिक परिवर्तन की भूमिका और लोक साहित्य
हिंदी नवजागरण सामाजिक परिवर्तन की भूमिका और लोक साहित्य
प्लेटो का साहित्य चिंतन PLATO KA SAHITYA CHINTAN
प्लेटो का साहित्य चिंतन PLATO KA SAHITYA CHINTAN
प्लेटो का साहित्य चिंतन
PLATO KA SAHITYA CHINTAN
सदस्यता लें
संदेश (Atom)