शनिवार, 10 नवंबर 2018

तेलुगु पत्रकारिता में अनमोल रत्न 'पंदिरि मल्लिकार्जुनराव' - डॉ. ए.सी.वि.ऱामकुमार (अनुवादक)

तेलुगु पत्रकारिता में अनमोल रत्न 'पंदिरि मल्लिकार्जुनराव' 

मीडिया विमर्श,
जनसंचार के सरोकारों पर केन्द्रित त्रैमासिक पत्रिका,
ISSN 2249-0590,
वर्ष-12, अंक-48, जुलाई-सितम्बर 2018.
**********


मैलापुर आर्ट्स अकदमी से आयोजित तेलुगु वादविवाद प्रतियोगिता के न्याय निर्णायक वाद-विवाद के बारे में और उसमें शामिलि विद्यार्थियों के बारे में बात करते आ रहे हैं। बात कर रहे उन दोनों में सफेद कुरता-पैजामा पहननेवाले व्यक्ति वहाँ की नजर पुरानी किताबों की दुकान पर पडी। तुरंत बातचीत को रोककर, साथ चलने व्यक्ति से उन्होंने कहा, मेरा साथ आइए, यहाँ पुरानी किताबें देखेंगे। किताबें छाँटे और जो पसंद हैं बिना पूछे पैसे देकर वापस आये। यही व्यक्ति है किन्नेरेश (किन्नेरा पत्रिका के सम्पादक) पंदिरि मल्लिकार्जुनराव और दूसरा व्यक्ति प्रमुख पारिवारिक पत्रिका ‘विजडम’ (आंग्रेजी-तेलुगु) के सम्पादक डॉ के.वि. गोविंदराव है। विविध पत्रिकाओं में प्रकाशित प्रचलित विषयों को फिर से ‘किन्नेरा’ पत्रिका में छापने केलिए पंदिरि मल्लिकार्जुनराव ने डॉ के.वि. गोविंदराव जी को दिखाया। इसमें कुछ विषय उसी समय पर चयन करके छापने की तैयारी की।



सबसे भिन्न, निर्माणात्मक रूप से काम करने की आदत बचपन से ही पंदिरि मल्लिकार्जुनराव की रही है। इसलिए राजमंर्डी में लकड़ी का व्यापार छोडकर चैन्नई आकर किन्नेरा पत्रिका चलायी। अप्पय दीक्षित के वचनों के अनुरूप आंध्रपन को भरपूर अपनाकर पिता वीरन्ना जी की अनुमति लेकर अलहाबाद गये। वहाँ आनंदभवन में मोतिलाल नेहुरू जी के आत्मीय बनकर अपना आशय पूरा किया। प्रिन्स ऑफ वेल्स आगमन को विरोध करके जेल भी गये। श्रीमति के. रामलक्ष्मी जी के शब्दों में कहना है कि उत्तर भारत में ऐसे सत्याग्रह में शामिल हो जेल की सझा भोगनेवाला पहला आंध्रावासी पंदिरि मल्लिकार्जुनराव ही है। (पंदिरि मल्लिकार्जुनराव पृ. 19) उनका स्वागत करने केलिए राजमंड्री रेलवे स्टेशन पहुँचनेवालों में श्री टंगुटूरि प्रकाशं जी भी एक है, यह इस बात का सबूत है कि पंदिरि मल्लिकार्जुनराव ने उत्तर भारत में तेलुगु की आभा कैसी फैलायी थी, कैसी महानता हासिल की थी। 



राजनीति में पहला कांग्रेस के साथ बाद में कम्यूनिस्ट कार्यकर्ता के रूप में काम करते ही हिन्दी प्रचार-प्रसार में काम किया। उसी समय में दुर्गाबाई देशमुख जैसे लोगों को हिन्दी सिखायी, सामाजिक कार्यक्रमों सक्रिय रहते हुए भी अपनी साहित्यानुभूति को बढायी। ‘प्रताप आज’ जैसे हिन्दी पत्रों के संवाददाता के रूप में रहते हिन्दी समाचार को तेलुगु में और तेलुगु समाचार को हिन्दी में अनुदित किये। श्रीपाद सुब्रम्णमशास्त्री जी के ‘प्रबुद्द आध्रा’ जैसे पत्रिका को हमारे साहित्य पठन एवं व्यक्तिगत आजादी की बुनियादी माना। (पंदिरि मल्लिकार्जुनराव पृ. 25) इसलिए ‘प्रबुद्द आध्रा’ पत्रिका बंद होने के बाद सन् 1927 में ‘सुभाषी’ नाम के पत्रिका का प्रकाशन आरंभ किया। प्रवेशांक में ही उस दिनों की आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक परिस्थितियों उल्लेख कपते हुए पंदिरि मल्लिकार्जुनराव ने लिखा था, “ इस धर्म युद्ध में इस नव युग में सारस्वत, कला, इतिहास इन तीनों के प्रतीक के रूप तेलुगु ह्रदय की वाणी को प्रकट करना ही हमारा लक्ष्य है।“ (पंदिरि मल्लिकार्जुन राव, पृ. 62)



उस दिन की परिस्थितियों के कारण सात महीनों में ही सुभाषी मूक बन गई। पत्रिका को पुनःजीवित करने के मवोबल से कुछ दिन राजनीति, कला-सेवा को छोडकर उन्होंने पैसे कमाने की ओर ध्यान देकर उन्होंने ‘वीटो’ दर्द निवारक दवाई की खोज की। इस धंधे में भी नुकसान होने पर पुनः मद्रास लौटकर वहाँ रीटा हेयर आयल तैयारकर बेचना शुरू किया। आर्थिक उन्नति के बाद उन्होंने सन् 1948 में ‘किन्नेरा’ पत्रिका फिर से शुरू की।



तेलुगुभाषा, तिलुगु जाति, तेलुगु संस्कृति की यथोचित सेवा ही लक्ष्य बनकर अपनी किन्नरा को शुरू किया। किन्नेरा की विशेष्टता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने लिखा था, आंध्र की संस्कृतिक क्रांति केलिए प्रतिबद्ध पत्रिका है किन्नरा। इन प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच हमारे समाज, जीवन और संस्कृति का पुनः निर्माण और जन-जीवन की समस्यओं का समाधान कैसे होना और इसे बतानेवाले ह्रदयंगम कहानियों, लेखों के माध्यम से ज्ञान और विनोद प्रदान करेगी, किन्नरा। कुछ दिन के बाद पाठकों की सुविधा केलिए पत्रिका का मूल्य (वार्षिक) छः रूपये से चार रूपये कम किया। पत्रिका के प्रत्येक अंक का मूल्य आठान्ना से चारान्ना कम किया। साधारणतः कोई भी पत्रिका के मूल्य कुछ समय के बाद बढ़ाया जाता है जबकि किन्नरा का मूल्य घटाया गया, पृष्ठ संख्या भी घटायी नहीं गयी। इससे स्पष्ट होता है कि किन्नेरा के माध्यम से कमाई करने का उनका आशय नहीं था। 



‘प्रबुद्ध आध्रा’ पत्रिका (श्रीपाद सुब्रमण्यशास्त्री) सन् 1934 में फिर से प्रकाशन शुरू हुआ। उस पत्रिका के उद्देशों ने मल्लिकार्जुनराव जी को प्रभावित किया। श्रीपाद सुब्रमण्यशास्री जी से मल्लिकार्जुनराव ने दो विषय सीखे। पहला पद्य-गीत रचनाओं को प्रधानता न प्रकाशित करना, दूसरा हिन्दी की महानता को न स्वीकर करने के संदर्भ में सूचना उन्होंने पत्रिका में छापी। प्रजाह्रदय के शीर्षक से संपादक के नाम प्रकाशित पाठकों के मुख्यतः दो पत्र उल्लेखनीय हैं। उसमें व्यंग्यपूर्वक लिखा गया था कि पद्य और गेय रचना को न छापकर रमणारेड्डी और नारायणरेड्डी जी को आलोचक बनाने की कोशिश तो न करे। अंक 53 में एलूरू से पाठक कृष्णाराव और काकिनाडा से चेब्रोलु सूर्यराव ने अपना मत व्यक्त किया। 



पाठकों की विनती से सुभाषि में पहले अंक में गेय रचना प्रकाशित की। किन्नेरा पत्रिका अंक 55 में गेय रचना को प्रकाशित की। वही ही दो कविताएँ अंक 79 में प्रकाशित की। 14-10-79 कविताओं में अंतरंगवेदना-तिरूनत्तियूर, ना कललु कविताओं को वर्णन किया। 




"ना तीयनि कललनि गालिलोन करिगि पोयाई,


ना बिड्डलु चेल्लाचेदरै-



नेनु नेडु एकाकिनी



ई जरावस्थलो एंडिन मोरडुवले,



हाहा! एमि ई विपर्यम"!



ऐसे ही देवुडु कविता में इस अंतिम अवस्था में मै सच्चाई जान ली...कहकर अपने आपको प्रश्न की। कालातीत कोई भी बदलना संभव है। गाँधीवाद से शुरू करके मार्क्सवाद तक यात्रा करके फिर मल्लिकार्जुनराव गाँधीवादी बना गये। गाँधीवाद न मानकर लेनिन के आदर्शों को अपनानेवाला मल्लिकार्जुनराव गाँधी जी के विषय में लिखने से सबको आश्चर्य लगा। इसके बारे में हिन्दी में कहते है कि ‘सुबह का भाला’ माने दिन में भटक जाने पर भी शाम वापस आएगा। हिन्दी सीखकर, हिन्दी प्रचार प्रसार करनेवाला मल्लिकार्जुनराव नागरी लिपि को न मानना पचने की विषय नहीं है। 52 जुलै मासिक में केंद्र सरकार द्वारा हैदराबाद उसमानिया विश्वविद्यालय को राजाभाषा हिन्दी विश्वविद्यालय में बदलने की कोशिस को इनकार किया। जनवरी, फरवरी अंक में इस विषय की चर्चा की। इस संदर्भ में विशाखपट्टणम् के के. सत्यनारायण ने लिखा कि तेलुगु राज्यभाषा रखकर हिन्दी को लागू करना उतना उचित नहीं होगा। ज्यादा लोगों की मान्यता है कि राजभाषा हिन्दी से ही फाइदा होगा। यही विषय से नाराज होकर नागरी लिपि के जगह रोमन लिपि को मान्यता दी। यही विषय माविकोंडा सत्यनारायणशास्री जी भी मान ली। 



व्यावहारिक भाषा पर मल्लिकार्जुनराव जी को निश्चित रूप है। ऐसे ही मद्रास विश्वविद्यालय में ग्राँधिक भाषा को मान्यता देना उनको पचा नहीं है। अपने सम्पादकीय में उन्होंने इसकी आलोचना की थी। यही विषय विद्याशाखा के मंत्री डॉ यम. वि. कृष्णाराव जी के सामने प्रस्तुत की। मंत्री जी भी व्यावहारिक भाषा के संदर्भ में इसकी मान्याता को सहमत कहा। भाषा के संदर्भ में शकट रेफ और अनुस्वर आज भी तमिलनाड्डु दशवीं और बारवीं पुस्तकों में दिखाई देता है।



कुछ विषयों में मल्लिकार्जुनराव अत्यत दुढ रहे है। आंध्रा राज्य के विषय में केंद्रसरकार के नेता नेह्ररू और मौलाना जैसे लोगों की राजनीत पर खडा खंडन की। केंद्र्मंत्री के रूप में आध्रा लोगों की मान्यता न देने पर बहुत विरोध किया। भरतीय सरकार ने मोहर को आयोजित करते समय दक्षिणादि कवियों को मान्यता न देने पर विरोध किया। चेन्नपट्टणम के हर गलि के नाम बदलते समय और आध्रा-रायलसीमा के नाम होनेवाले व्यवहार पर विरोध किया। ऐसे असंख्य अनसर है, जब मल्लिकार्जुन राव जी ने निर्भीक आलोचना का परिचय दिया। 



किन्नेरा पत्रिका मल्लिकार्जुनराव जी को कुछ जोश दिखाया। अंक 53 में खुद आपने ही अपने लिए एक पत्र लिखा। काशी के शिवमंदिर के बारे में लिखा कि मोगल साम्राट औरंगजेबने सन् 1707 में विश्वनाथ मंदिर को नाश की और उस पर मसीद का निर्माण किया। आज भी लाखों हिन्दू लोग विश्वनाथ का दर्शन करने आते है। इस विषय पर सबने मल्लिकार्जुनराव जी को विश्वहिन्दू कार्यकर्ता समझा और आरोप किया। मल्लिकार्जुनराव जी अनेक विमर्श एवं समीक्षाएँ लिखी। 



किन्नेरा अंक 17 में लगभग 30 पत्रिकाओं का नाम दिया उसमें केवल दो ही जिंदा बचा वही कृष्णपत्रिका और आध्रप्रभा। पुस्तक समीक्षा में हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में देख सकते है। काव्यों के संदर्भ में गुजराती और बंगाली भाषा पुस्तक देख सकते है। लेकिन तेलुगु पत्रिका आज मुरदा हो गई। 



बी.यस.सी और पी.हेच.डी को अलग अलग लिखकर बहुत नया प्रयोग किन्नेरा पत्रिका में किया। ऐसी ही अंक 50 में अनुवाद को मान्यता न दी। फिर भी संस्कृत, हिन्दी, बंगाली, महाराष्टा, कन्नडा, उर्दू, आंग्रेजी आदि भाषाओं के साहित्य के अनुवादों को तेलुगुजाति लोगों केलिए मान्यता दी। मल्लिकार्जुनराव नास्तिकता भावों से गुजरे लेकिन देवुड्डु नाम से सन् 3-5-1981 कविता की। उन्हों ने कहते है कि 
“ ई गोडवंता मनकेंदुकू चच्चेटपुडु संध्या मंत्र जैसे..


“नी तुदि कालंलोने निजं कनुगोनेदी



कादा – नेडे मेलुको/नेडे कळु तेरूवु



तेजस्वी चुडु – पुरोगमिच्चु



मानवत्व दिसन



मानवता दिशकु”



अपना मंतव्य बदलकर मल्लिकार्जुनराव कुछ समय जैसे प्रश्न करते है और आश्चर्य में डुबा लेते है। फिर भी तेलुगु पत्रिका के दुनिया में मल्लिकार्जुनराव जी सच में ‘तेलुगु पत्रकारिता में अनमोल रत्न’ है। तेलुगु भाषिक चेतना, पत्रकारिता के माध्यम से फैलाने, मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा के लिए मल्लिकार्जुन राव के प्रयासों को हमें सदा स्मरण करना चाहिए।



मूल तेलुगु लेख का हिन्दी अनुवादक:
डॉ.ए.सी.वी.रामकुमार,
प्रवक्ता, हिन्दी विभाग, 
तमिलनाड्डु केंद्रीय विश्वविद्यालय,तिरूवारूर।.
E-mail ID: nanduram2006@gmail.com
Website: www.thehindiacademy.com






सोमवार, 5 नवंबर 2018

HYPOCRITICAL ATTITUDES ROOTED IN FEAR CONTRASTED WITH INNOCENCE THAT IS FORGIVING WITHOUT POMP, IN THE STORY “BIG BROTHER” BY PREM CHAND


INTERNATIONAL JOURNAL ENGLISH LANGUAGE, LITERATURE IN HUMANITIES
ISSN-2321-7065
IJELLH, VOLUME 6, ISSUE 10
OCTOBER, 2018, PP 85-87.

HYPOCRITICAL ATTITUDES ROOTED IN FEAR CONTRASTED WITH INNOCENCE THAT IS FORGIVING WITHOUT POMP, IN THE STORY “BIG BROTHER”  BY PREM CHAND
Dr A.C.V.Ramakumar,
Asst Professor(Contract),
Department of Hindi,
Central University of Tamilnadu,
Thiruvarur-610005
__________________________________________________________________________

In this story “BIG BROTHER”, we enter the CHILDREN’S world, especially  the relationship between brothers. Here is an elder brother, who finds it innately difficult to study, mainly because he has developed a deep-rooted fear and awe of the subjects of study. He is not inherently free and that is why his brain does not function. Yet he cannot accept that. He has that inner need to justify his lack and position himself as superior. He does that by subtle bullying and exploitation of his younger, lively, fearless brother.
The story is gently ironic, and you can see how the simple story speaks volumes which, if one attempted to write as essays, would maybe fill a library.
Here is the role of fear, comparison, innocence and its link to studies, the mistaken belief that studies make you superior. Here is also a foretelling of the future with such attitudes. The bully in childhood becomes a conformist and the innocent becomes a fresh spring and talented in later life.
There is also the need to be happy to grow up without fear, and the stress of “proving oneself”. There is also the link between intelligence and innocence and fearlessness.  
The genius of Premchand lies in stating, or rather understating, the facts so simply, almost heartbreakingly, that the message of the need to have happy attitudes and not being a slave to “studies”, CRIES out to be heard.
It cries out mainly because the message is inherent in the facts of the story. The story yet again in Premchand’s  masterful hand becomes a microcosm of a life, and the whole life of happiness and sorrow, playfulness and seriousness, awe of studies to innocence towards it, the subtle conformism and bullying comes out.  
But Premchand is gentle all the way. Finally, the boys are together, and the very innocence of the younger one heals the elder one’s inner pain, and the bully becomes gentle at the end!!
Here is Premchand’s  gentle celebration of the innocence and gentle criticism of the hypocritical, superficial bullying. Here Premchand shows that the “bad” is actually nothing, a small mind trying to cover up and losing.  An innocent mind, by contrast is free, happy and even forgiving without thought!!
Here is a moral and message but silently pierced into our brains- a showing of  society’s hypocritical cover ups, the soul’s need to justify mediocrity rooted in fear, and the power and joy of innocence!!
The message is also applicable to the adult world, and in fact very ironically. This is the same bullying that happens with other variations where the weak tries to be strong because it is weak, self- doubtful and fearful.
This story has got a sharp satire of the hollowness of rationalizing evil and cruelty. Yet the human side is never missed, and no hate results. One wonders at how well Premchand’s integration comes out with both the human elements and the sharp satirical elements contrasted.
Premchand is not screaming here or shouting. He is not even preaching. He is simply presenting facts, and gently urging us all to- SEE!!
This story illustrates the genius and the power inherent in great literature to “cure” evils and Premchand’s unique and brilliant style of expressing profound truths through understatement.
REFERENCE:
बडे भाई साहब (BIG BROTHER) – मुंशी प्रेमचंद्र (BY PREM CHAND)

NTA-UGC-NET-PAPER-I (NOVEMBER 2017) Q : 40-50

NTA-UGC-NET-PAPER-I (NOVEMBER 2017) Q : 40-50

41. Which of the following pollutants is the major cause of respiratory diseases?
(1) Suspended fine particles
(2) Nitrogen oxides
(3) Carbon monoxide
(4) Volatile organic compounds

42. Assertion (A): In urban areas, smog episodes occur frequently in winters.
Reason (R): In winters, a lot of biomass is burnt by people for heating purposes or to keep themselves warm.

Choose the correct answer from the code given below :
(1) Both (A) and (R) are true and (R) is the correct explanation of (A)
(2) Both (A) and (R) are true but (R) is not the correct explanation of (A)
(3) (A) is true and (R) is false
(4) Both (A) and (R) are false

43. Occurrence of natural hazards is affected by:
(a) Land use changes
(b) Drainage and construction
(c) Ozone depletion
(d) Climate change

Choose the correct answer from the code given below :
(1) (a), (c) and (d)
(2) (a), (b) and (c)
(3) (a), (b) and (d)
(4) (b), (c) and (d)

44. Which of the following pollutant gases is not produced both naturally and as a result of industrial activity?
(1) Chlorofluoro carbons
(2) Nitrous oxide
(3) Methane
(4) Carbon dioxide

45. Among the following fuels of energy, which is the most environment friendly?
(1) Ethanol
(2) Biogas
(3) CNG
(4) Hydrogen

46. Which of the following are the goals of higher education in India?
(a) Access
(b) Equity
(c) Quality and Excellence
(d) Relevance
(e) Value based education
(f) Compulsory and free education

Select the correct answer from the code given below:
(1) (a), (b) and (e) only
(2) (a), (b), (e) and (f)
(3) (a), (b), (c), (d) and (e)
(4) (a), (b), (c), (d), (e) and (f)

47. Which of the following has been ranked the best college in the country (2017) as per the National Institutional Ranking Framework (NIRF)?
(1) Miranda House, Delhi
(2) St. Stephen’s College, Delhi
(3) Fergusson College, Pune
(4) Maharaja’s College, Mysore

48. Which of the following universities has received the Visitor’s Award for the best Central University in India in Feb. 2017?
(1) Jawaharlal Nehru University
(2) Banaras Hindu University
(3) Tezpur University
(4) University of Hyderabad

49. Who among the following can be removed by the President without Parliament’s resolution?
(1) Judge of a High Court
(2) Governor of a State
(3) Chief Election Commissioner
(4) Comptroller and Auditor - General

50. Which of the following come(s) within the ambit of the term ‘corruption’?
(a) Misuse of official position
(b) Deviation from rules, laws and norms 
(c) Non-action when action is required
(d) Harm to public good

Select the correct answer from the code given below:
(1) (a) only
(2) (a) and (b) only
(3) (a), (b) and (d)
(4) (a), (b), (c) and (d)

NTA-UGC-NET-PAPER-I (NOVEMBER 2017) Q : 30-40

NTA-UGC-NET-PAPER-I (NOVEMBER 2017) Q : 30-40

Answer the questions 31 to 35 based on the data given in the table below.
Table: Number of registered vehicles in India and India’s population.



Total
 Two
Cars, Jeeps,
Buses
Goods
Others
Population
Year
vehicles
 wheelers
Taxis
vehicles
(India)
(Lakhs)
(Lakhs)

(Lakhs)
(Lakhs)
(Lakhs)
(Lakhs)
(Millions)











1961
6.65
0.88
3.1
0.57
1.68
0.42
439.23








1971
18.65
5.76
6.82
0.94
3.43
1.70
548.15








1981
53.91
26.18
11.60
1.62
5.54
8.97
683.32








1991
213.74
142.00
29.54
3.31
13.56
25.33
846.42








2001
549.91
385.56
70.58
6.34
29.48
57.95
1028.73








2011
1417.58
1018.65
191.23
16.04
70.64
121.02
1210.19










31. The maximum decadal growth in population of India is registered in the period:
(1) 1961 - 1971
(2) 1991 - 2001
(3) 2001 - 2011
(4) 1981 - 1991

32. In which year the decadal growth (%) in number of cars surpassed that of the two wheelers?
(1) 1991
(2) 2001
(3) 1981
(4) 2011

33. What was the average decadal growth in the number of cars during 1961 - 2011?
(1) ~ 131%
(2) ~ 68%
(3) ~ 217%
(4) ~ 157%

34. In the year 2001, out of total number of vehicles, the number of passenger vehicles (4 wheelers) accounted for:
(1) ~ 14%
(2) ~ 24%
(3) ~ 31%
(4) ~ 43%

35. What was the per capita ownership of two wheelers in India in the year 2011?
(1) ~ 0.084%
(2) ~ 0.0084%
(3) ~ 0.84%
(4) ~ 0.068%

36. What is the name for a webpage address?
(1) Domain
(2) Directory
(3) Protocol
(4) URL

37. The data storage hierarchy consists of :
(1) Bytes, bits, fields, records, files and databases
(2) Bits, bytes, fields, records, files and databases
(3) Bits, bytes, records, fields, files and databases
(4) Bits, bytes, fields, files, records and databases

38. Which of the following domains is used for - profit businesses?
(1) .org
(2) .net
(3) .edu
(4) .com

39. What is the full form of USB as used in computer related activities?
(1) Ultra Security Block
(2) Universal Security Block
(3) Universal Serial Bus
(4) United Serial Bus

40. Which of the following represents billion characters?
(1) Terabytes
(2) Megabytes
(3) Kilobytes
(4) Gigabytes

NTA-UGC-NET-PAPER-I (NOVEMBER 2017) Q : 20-30

NTA-UGC-NET-PAPER-I (NOVEMBER 2017) Q : 20-30

21. In the series 1, 6, 15, 28, 45, ............ the next term will be :
(1) 66
(2) 76
(3) 56
(4) 84

22. The next term in the series ABD, DGK, HMS, MTB, .......... is:
(1) NSA 
(2) SBL 
(3) PSK 
(4) RUH 

23. In certain code, “COVALENT” is coded as BWPDUOFM. The code of “ELEPHANT” will be:
(1) MFUIQRTW
(2) QMUBIADH
(3) QFMFUOBI
(4) EPHNTEAS

24. Ajay is a friend of Rakesh. Pointing to an old man Ajay asked Rakesh who is he ? Rakesh said “His son is my son’s uncle”. The old man is related to Rakesh as:
(1) Grandfather
(2) Father-in-law
(3) Father
(4) Uncle

25. A postman walked 20 m straight from his office, turned right and walked 10 m. After turning left he walked 10 m and after turning right walked 20 m. He again turned right and walked 70 m. How far he is from his office?
(1) 50 m.
(2) 40 m.
(3) 60 m.
(4) 20 m.

26. It is Truism to say that no one was there when life first appeared on earth. Any assertion about life’s origin, thus, should be treated as a theory.
The above two statements constitute:
(1) A historical explanation
(2) A narrative
(3) An argument
(4) A conjecture

27. Given below are four statements. Among them two are related in such a way that they can both be true but they cannot both be false. Select the code that indicates those two statements:
Statements:
(A) Honest people never suffer.
(B) Almost all honest people do suffer.
(C) Honest people hardly suffer.
(D) Each and every honest person suffers.
Code:
(1) (a) and (b) 
(2) (a) and (c) 
(3) (a) and (d) 
(4) (b) and (c)

28. A deductive argument is invalid if:
(1) Its premises and conclusion are all true.
(2) Its premises and conclusion are all false.
(3) Its premises are all false but its conclusion is true.
(4) Its premises are all true but its conclusion is false.

29. Given below are two premises (a and b). From those two premises four conclusions (i), (ii), (iii) and (iv) are drawn. Select the code that states the conclusion/conclusions drawn validly (taking the premises singularly or jointly).
Premises:      (a) All bats are mammals. No birds are bats.
Conclusions: (i) No birds are mammals.
Some birds are not mammals.
No bats are birds.
All mammals are bats.
Code:
(1) (i) only
(2) (i) and (ii) only
(3) (iii) only
(4) (iii) and (iv) only

30. Just as melting ice - cubes do not cause a glass of water to overflow, melting sea - ice does not increase oceanic volume. What type of argument is it?
(1) Analogical
(2) Hypothetical
(3) Psychological
(4) Statistical